६.विकट : यानि रोबदार इंसान॥ दुनिया उसीको दबाती है जो ख़ुदको दीनहीन मानकर चले॥ ख़ुद पर भरोसा न करके दूसरों के आगे गिडगिडाना जिसकी आदत हो उसके जीवन में वो व्यक्ति ख़ुद ही सबसे बड़ी मुसीबत है॥ यह सही है कि किसी से बैर मत रखो मगर बेवजह किसी से डरना भी ठीक नही॥ यानि सांप की तरह डसो मत मगर अपनी फुंकार का सही जगह इस्तेमाल करना भी मत छोड़ो॥ ऐसी सही समझ बुझ के व्यक्ति मुश्किलों का सामना भी साहस और समाधान से करते हैं॥
७.विघ्न-नाशक : इस नाम का अर्थ है जो विघ्न, मुसीबतों का हल हल निकाले॥ अपने धर्य, साहस और समझ का इस्तेमाल सिर्फ़ अपने लिए ही न करे बल्कि दूसरों की भी सहायता करे॥ यह गुण उसी इंसान में हो सकते हैं जिसका व्यक्तित्व विशिष्ठ हो, अलग हो॥ ऐसे इंसान मुसीबत पड़ने पर रोना, चीखना या अपने भाग्य को कोसने में समय नही गंवाते बल्कि उस कठिन समय को परीक्षा की घड़ी मान कर उसके पार जाने का विश्वास और होसला रखते हैं॥ऐसे लोगों को विश्वास होता है की हर परीक्षा में सफल होने के बाद एक कक्षा आगे जाने का यानि उन्नति का मौका मिलता है॥ भला ऐसे लोगों के मार्ग में मुश्किलें कबतक पहरा दे सकती हैं?? क्योंकि हर परीक्षा की घड़ी के बाद उसका परिणाम निकलने का वक्त भी आता ही है न॥
८.विनायक : विनायक शब्द या उपाधि का हक़दार वही व्यक्ति होता है जिसमें समाज का, परिवार का, देश का नेतृत्व करने की क्षमता हो॥ जो निस्वार्थ होके सभी को एक साथ आगे उन्नति की ओर ले जाए॥ आजकल ऐसे इंसान कम देखने को मिलते हैं॥ नेतागिरी के नाम पे दूसरों के दोष गिनवा कर ख़ुद को बेहतर साबित करनेवाले नेता तो बहुत मिलेंगे मगर केवल अपने गुणों के द्वारा समाज को आकर्षित करने का साहस विरले ही दिखा पते हैं॥ ऐसे विशिष्ट गुणों के धनि लोगों का निर्माण कार्य वर्षों पहले रोक दिया गया था॥ जब महात्मा गाँधी, विवेकानंद, भगत सिंह, सरदार पटेल, बाल गंगाधर तिलक ओर सुभाष चंद्र बोस सरीखे लोग पुरे समाज को नदी की एक धार की तरह एक ही दिशा में बांधे सागर संगम की ओर ले जाते थे॥ ऐसे लोगों को विघ्न ओर बाधाओं की आंधियां भी नही रोक पाई॥
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